बॉलीवुड अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाली पल्लवी जोशी, आलिया भट्ट और कृति सैनन ने अपनी फिल्मों में सशक्त महिला पात्रों की भूमिकाएं निभाई हैं।
भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू ने 17 अक्टूबर को नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने सुश्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के लिए दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने दादा साहेब फाल्के पुरस् कार प्राप्त करने के लिए सुश्री वहीदा रहमान को बधाई दी और कहा कि वह अपनी प्रतिभा और व्यक्तित्व से फिल्म उद्योग के शिखर पर पहुंची हैं।उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अपना निजी जीवन भी गरिमा, आत्मविश्वास और मौलिकता के साथ जिया है।
उन्होंने कई ऐसी फिल्मों को चुना जिसमें उनके रोल ने महिलाओं से जुड़ी बाधाओं को तोड़ दिया। उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है कि महिलाओं को स्वयं महिला सशक्तिकरण के लिए पहल करनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाली पल्लवी जोशी, आलिया भट्ट और कृति सैनन ने अपनी फिल्मों में सशक्त महिला पात्रों की भूमिकाएं निभाई हैं।
उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि निर्देशक सृष्टि लखेरा ने अपनी पुरस्कार विजेता फिल्म ‘एक था गांव’ में एक 80 वर्षीय महिला की लड़ाई की भावना को दर्शाया है। उन्होंने कहा कि महिला पात्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान बढ़ेगा।
राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाली फिल्मों में जलवायु परिवर्तन, लड़कियों की तस्करी, महिलाओं के उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और सामाजिक शोषण जैसे मुद्दों को दर्शाया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समुदायों का प्रकृति और कला के प्रति प्रेम, महात्मा गांधी के आदर्शों की स्थापना, प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच अदम्य भावना से लड़ना, शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और कला और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों जैसे विभिन्न विषयों पर अच्छी फिल्में बनाई गई हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म केवल एक उद्योग नहीं है। यह केवल व्यापार और मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है। जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने के लिए फिल्में सबसे प्रभावी माध्यम हैं। सार्थक फिल्में उपलब्धियों के साथ-साथ समाज और देश की समस्याओं को दर्शाती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म बिरादरी हमें अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय समाज की विविध वास्तविकता से परिचित कराती है। सिनेमा हमारे समाज का दस्तावेज भी है और उसे सुधारने का माध्यम भी।
उन्होंने कहा कि सिनेमा कलाकार बदलाव के एजेंट हैं। उन्होंने कहा कि वे देश के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और नागरिकों को जोड़ते हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय फिल्में देश की सामाजिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की वाहक होनी चाहिए। ऐसी फिल्में न केवल देश और समाज के लिए फायदेमंद होंगी, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी सफल होंगी।
उन्होंने फिल्म बिरादरी से इस प्रयोग को अधिक संकल्प के साथ करने का आग्रह किया।राष्ट्रपति ने समाज और सिनेमा में प्रभावशाली योगदान देने के लिए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की पुरस्कार विजेता फिल्मों से जुड़े सभी लोगों की सराहना की।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि फिल्म बिरादरी वैश्विक स्तर की उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करती रहेगी और भारतीय फिल्में विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
सौजन्य: राष्ट्रपति भवन